करेला भले ही कड़वा हो लेकिन इसके सेहतमंद गुण अमृत से कम नहीं हैं. हमारे पारंपरिक आयुर्वेद में करेला को एक अद्भुत औषधि के रूप में देखा गया है, खासकर डायबिटीज, पाचन और त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए. जहां इसका स्वाद सभी को पसंद नहीं आता, वहीं इसके फायदों की सूची इतनी लंबी है कि इसे अपनी डाइट में शामिल करना जरूरी हो जाता है. आइए जानते हैं, कैसे करेला हमें कई बीमारियों से बचाकर स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखाता है.
करेले में इंसुलिन जैसे कंपाउंड्स होते हैं जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए ये प्राकृतिक उपचार के रूप में काम करता है. इसमें फाइबर अधिक मात्रा में होता है और कैलोरी कम होती है, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के साथ पाचन को भी बेहतर बनाता है.
आयुर्वेदिक डॉ. हेमा गोस्वामी बताती हैं कि, करेले में विटामिन ए और कैरोटीनॉयड्स होते हैं, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायक होते हैं. इसके नियमित सेवन से आंखों की दृष्टि में सुधार होता है और ये मोतियाबिंद जैसी समस्याओं को रोकने में भी मदद करता है.
करेला त्वचा से विषैले पदार्थों को निकालकर उसे साफ और स्वस्थ रखता है. इसके सेवन से त्वचा पर कील-मुंहासों की समस्या कम होती है और एक प्राकृतिक चमक आती है. साथ ही, ये लीवर को भी स्वस्थ रखता है और शरीर की समग्र कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है.
करेले की पत्तियों को पानी में उबालकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है. इससे शरीर को कई बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है, जिससे ठंड और अन्य संक्रमणों से बचाव में मदद मिलती है.
करेले का रस छालों पर लगाने से आराम मिलता है और त्वचा को ठंडक मिलती है. इसके अलावा, करेले की जड़ को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है, जो इसकी औषधीय गुणों को दर्शाता है.