धतूरा, जिसे आयुर्वेद में एक अद्वितीय स्थान प्राप्त है, सिर्फ एक औषधीय पौधा नहीं, बल्कि यह एक रहस्यमयी गुणों से भरा खजाना है. भगवान शिव के प्रिय इस पौधे को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व दिया जाता है, बल्कि इसके अद्भुत स्वास्थ्य लाभ भी इसे विशेष बनाते हैं. आयुर्वेदिक चिकित्सक इसे बालों की समस्या से लेकर सांस की बीमारियों तक के लिए एक प्रभावी उपाय मानते हैं. आइए, जानें धतूरा के औषधीय गुण और कैसे यह आपकी सेहत में जादू कर सकता है.
धतूरा की पत्तियों का लेप जोड़ों के दर्द और सूजन में बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसकी गर्म तासीर से मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द में राहत होती है. पैरों में भारीपन या सूजन होने पर इसे लगाने से तुरंत आराम महसूस होता है.
धतूरा का उपयोग दमा जैसी सांस संबंधी समस्याओं में किया जा सकता है. अपामार्ग और जवासा के साथ धतूरा का चूर्ण बनाकर उसकी महक को सूंघने से सांस की तकलीफ कम होती है, जिससे श्वसन तंत्र खुलता है और मरीज को आराम मिलता है.
काया आयुर्वेद के प्राचार्य वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डॉ़ विनय खुल्लर ने बताया कि, धतूरा का तेल बालों में लगाने से बालों का झड़ना कम होता है और डैंड्रफ जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. यह बालों की जड़ों को मजबूत बनाकर स्कैल्प को स्वस्थ रखता है, जिससे बाल घने और चमकदार बनते हैं.
धतूरा के औषधीय गुणों से फेफड़ों में जमा कफ को निकालने में मदद मिलती है. यह श्वसन तंत्र को साफ और मजबूत बनाता है, जिससे सर्दी-खांसी और बलगम जैसी समस्याएं दूर रहती हैं और फेफड़े स्वस्थ बने रहते हैं.
आयुर्वेद में धतूरा को हृदय को मजबूत करने के लिए फायदेमंद माना गया है. इसका सेवन रक्त संचार को बेहतर करता है, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है.